This guide will help you learn the basics of optical fiber.
- ऑप्टिकल फाइबर कांच या प्लास्टिक से बनी होती है जिसका इस्तेमाल डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है।
- दूसरे शब्दों में कहें तो, ऑप्टिकल फाइबर पतले कांच या प्लास्टिक से बनी हुई एक तार होती है जिसका उपयोग डेटा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। ऑप्टिकल फाइबर को हिंदी में प्रकाशीय तंतु कहते हैं।”
- ऑप्टिकल फाइबर में प्रकाश (Light) का उपयोग करके डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रकाश की गति से ट्रांसफर किया जाता है।
- ऑप्टिकल फाइबर के मुख्य रूप से चार भाग होते हैं:- पहला Core (कोर), दूसरा Cladding (क्लैडिंग) और तीसरा Jacket (जैकेट)
- अन्य केबलों की तुलना में ऑप्टिकल फाइबर तार का इस्तेमाल बहुत ही अधिक किया ज्यादा है क्योंकि यह तेज गति से डेटा और सूचनाओं को ट्रांसफर करती है। यह तार दूसरे केबल की तुलना में अधिक टिकाऊ है जो लम्बे समय तक चलती है।
- ऑप्टिकल फाइबर में डेटा प्रकाश की गति से ट्रान्सफर होता है और यह लगभग तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंड तक होती है.
- ऑप्टिकल फाइबर केबल बहुत ही पतली होती है जिसे आसानी से मोड़ा जा सकता है। आसानी से मोड़े जा सकने के कारण इसका इस्तेमाल हम लंबी दूरी तक सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते है
ऑप्टिकल फाइबर में डेटा लम्बी दूरी तय करता है क्योंकि इसमें सिग्नल को बहुत कम नुकसान पहुँचता है।
Parts of Optical Fibre –
1:- Core (कोर)
Core ऑप्टिकल फाइबर के सबसे अंदरूनी भाग होता है, यह कांच या प्लास्टिक का बना होता है. Core के अंदर से ही प्रकाश (Data) एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचता है.
2:- Cladding (क्लैडिंग)
Cladding एक फ्लोराइड-डोप्ड सिलिका से बना हुआ पदार्थ होता है जो core के चारों ओर लिपटा रहता है. Cladding का मुख्य उद्देश्य प्रकाश को कोर के अंदर बनाये रखना होता है और यह प्रकाश को बाहर निकलने होने से रोकता है,
3:- Jacket (जैकेट) Jacket ऑप्टिकल फाइबर के सबसे बाहर का भाग होता है. इसका कार्य कोर, क्लैडिंग, और बफर को सुरक्षा प्रदान करना होता है.
Types of Optical Fibre in Hindi
1- Single-mode fibre (सिंगल–मोड फाइबर)
सिंगल-मोड फाइबर कम व्यास (diameter) के कारण प्रकाश के केवल एक मोड को ही ले जा सकता है।
इसका इस्तेमाल डेटा और सूचनाओं को लम्बी दूरी तक भेजने के लिए किया जाता है।
मल्टी-मोड फाइबर की तुलना में, यह high bandwidth प्रदान करता है।
सिंगल-मोड फाइबर को मोनो-मोड ऑप्टिकल फाइबर और सिंगल-मोड ऑप्टिकल वेवगाइड के नाम से भी जाना जाता है।
2- Multi-mode fiber (मल्टी–मोड फाइबर)
मल्टी-मोड फाइबर बड़े व्यास के कारण एक साथ प्रकाश के बहुत सारें मोड को ले जा सकता है।
इसका इस्तेमाल कम दूरी तक डेटा को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। यह डेटा को लम्बी दूरी तक ट्रान्सफर नहीं कर पाता है।
मल्टी-मोड फाइबर को मल्टी-मोड ऑप्टिकल फाइबर के नाम से भी जाना जाता है।
ऑप्टिकल फाइबर स्पलाईसिंग: आवश्यकताएं और तकनीकें।
ऑप्टिकल फाइबर लंबी दूरी के लिए उपयोग किये जाते है, जो सैकड़ों किलोमीटर तक भी हो सकते है, इसलिए इतनी दूरी के लिए एक ही लाइन बिछाना संभव नहीं है। ऑप्टिकल स्पलाईसिंग दो ऑप्टिकल फाइबर को स्थायी/ अस्थायी रूप से जोड़ने की एक विधि है।
ऑप्टिकल फाइबर की स्पलाईसिंग तकनीकऑप्टिकल फाइबर को स्पलाईस करने के लिए मूल रूप से दो तरीके हैं। फ्यूजन स्पलाईसिंग और मैकेनिकल स्पलाईसिंग। दोनों तरीकों को नीचे विस्तार से समझाया गया है।
फ्यूजन स्पलाईसिंग में फाइबर को स्थायी रूप से जोड़ा जाता है और इसके लिए आधुनिक मशीन का उपयोग किया जाता है जिसे स्पलाईसिंग मशीन कहा जाता है, फ्यूजन स्प्लिसिंग में फाइबर के कोर को (कोर निकालने के लिए पहले जैकेट, क्लैडिंग और कोटिंग को क्लिपर की मदद से हटा दिया जाता है) होल्डिंग क्लैंप के उपयोग से दो इलेक्ट्रोड के बीच में रखा जाता है जाता है, तत्पश्चात इलेक्ट्रोड से इतनी गरमी उत्पन्न की जाती है कि दोनों फाइबर पिघल कर आपस में जुड़ जाती है, गर्मी उत्पन्न करने के लिए स्पलाईसिंग मशीन को चार्ज किया जाता है, स्पलाईसिंग मशीन से फाइबर जोड़ते समय हमें ये ध्यान रखना होता है फाइबर के दोनों सिरे जिन्हें आपस में जोड़ना है सही तरह से कटे हो ताकि वो आपस में अच्छी तरह से जुड़ सके, इसके लिए फाइबर कटर का उपयोग किया जाना चाहिए।
